Miraculous Mother Goddess: शक्तिपीठाधीश्वर ने श्रद्धालुओं को कराए चमत्कारिक देवी मां दर्शन

Miraculous Mother Goddess: शक्तिपीठाधीश्वर ने श्रद्धालुओं को कराए चमत्कारिक देवी मां दर्शन

Miraculous Mother Goddess

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फाजिल्का। Miraculous Mother Goddess: शक्तिमय, पतित पावन श्रीकृष्णगिरी शक्तिपीठाधीपति, राष्ट्रसंत, परम पूज्य गुरुदेवश्रीजी डॉ वसंतविजयजी महाराज साहेब की पावन निश्रा में विश्व इतिहास में पहली बार उत्तर प्रदेश के काशी (वाराणसी) में एक लाख आठ हज़ार भैरव मूर्तियों का अति विशाल निर्माण होगा। अष्ट दिवसीय यह ऐतिहासिक आयोजन आगामी 9 नवंबर से 16 नवंबर तक काशी स्थित गंगा घाट के समीप होगा। भव्यातिभव्य इस घोषणा व विस्तृत जानकारी के साथ पूज्य डॉ वसंतविजयजी म.सा. ने बताया कि भैरवाष्टमी पर्व के इस कार्यक्रम में देश और दुनिया के हजारों श्रद्धालु भक्त शामिल होकर भैरव कृपा प्राप्त करेंगे। पंजाब राज्य में फाजिल्का जिले के कीकरवालारूपा कस्बे में नौ दिवसीय श्रीमद् देवी भागवत कथा के पहली बार हो रहे आयोजन के तीसरे दिन मंगलवार को उन्होंने श्री आदिशक्ति राजराजेश्वरी देवी मां पद्मावतीजी के आह्वान के साथ अतिदिव्य दर्शन अनेक श्रद्धालुओं को कराए साथ ही वातावरण में खुशबू का अलौकिक अहसास कराया। देवी भागवत कथा के दौरान चमत्कारिक रूप से अनेक लोगों को देवी दर्शन हुए, जिसे यूट्यूब चैनल थॉट योगा के माध्यम से लाइव देखने वालों को भी वैश्विक स्तर पर अनुभव किया गया। सुगंध व शुद्धि को समृद्धि का प्रतीक बताते हुए पूज्य गुरुदेवजी ने कहा कि मां लक्ष्मीजी समृद्धि के रूप में रहती है। व्यक्ति अपने रहन सहन, आचार विचार, व्यवहार से गरीबी मिटा सकता है। कार्यक्रम में विद्या सागर, मंत्र शिरोमणि संतश्री डॉ वसंतविजयजी म.सा. ने कहा कि देवी भागवत में भगवती ने स्वयं को तीन रूपों में विभाजित किया है। वह है लक्ष्मी, काली स्वरूपा शक्ति व ज्ञान देने वाली सरस्वती। इस दौरान साधना के शिखर पुरुष पूज्य गुरुदेवश्रीजी ने त्रिशक्ति मुद्रा से 48 दिनों में 3 देवियों की शक्ति प्राप्त होने की दुर्लभ जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह पूरी दुनिया ऊर्जामयी तरंगों से चलती है। त्रिशक्ति मुद्रा का नियमित 48 दिवसीय अभ्यास व्यक्ति को ऋण मुक्त करेगा, समृद्ध बनाएगा और निडरता के साथ ज्ञान तथा शक्ति प्रदान करेगा। उन्होंने बताया कि भैरव देवजी की एक लाख आठ हज़ार मूर्तियां यूपी के काशी स्थित गंगा नदी की पवित्र मिट्टी से निर्मित की जाएगी। इन मुर्तियों को एक लाख आठ हज़ार  ही इमरती प्रसाद के भोग, इतने ही गुलाब के पुष्प अर्पण तथा एक लाख आठ हज़ार दीपों से भैरवदेव को प्रसन्न कर देश और दुनिया की खुशहाली की कामना की जाएगी। इस दौरान काशी में भैरव उत्पत्ति की श्रीभैरव महापुराण कथा का वाचन तथा नौ कुंडीय हवन यज्ञ भी होगा। इस मौके पर उन्होंने कहा कि बिना भक्ति के शक्ति नहीं मिल सकती। वे बोले अच्छा भाव अच्छा समय आने पर ही आता है। आयोजन से जुड़ी श्रीमती सुनीता मनमोहन सिहाग ने बताया कि प्रहलाद विनोद नवजोत भांभू परिवार ने देवी भागवतजी की आरती एवं हवन यज्ञ का लाभ लिया। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण यूट्यूब चैनल थॉट योगा पर लाइव प्रसारित किया गया। श्रीमती सुनीता ने बताया कि कार्यक्रम में मुंबई के संतश्री वज्रतिलकजी आदि ठाणा–दो व पंजाब राज्य सहित 14 राज्यों के श्रद्धालु भक्त शामिल हुए हैं।